नमस्कार, दोस्तों मेरा नाम संचित कुलश्रेष्ठ है आगरा, उत्तरप्रदेश, भारत का निवासी हूँ मैं एक युवा हूँ तो जाहिर सी बात है मेरी सोच भी युवा ही होगी लेकिन बाकी युवाओं की तरह मैं पश्चिमी सभ्यता से आकर्षित ज्यादा नही हूँ मुझे अपने संस्कार अपने उसूल अपनी संस्कृति अपना सनातन धर्म बहोत प्यारा है आज मैं देख रहा हूँ कि हमारे देश मे पश्चिमी सभ्यता का बहोत गहरा प्रभाव पड़ रहा है जिस से हमारे देश का युवा प्रतिदिन अपने ही देश के प्रति उदासीन रुख अपनाता जा रहा है आज हमारे ही देश मे हमारे ही देश के खिलाफ देशविरोधी नारे लगा रहे है देश के विष्वविद्यालय देशविरोधी गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है इस सबको लेकर मैं अत्यधिक चिंतित हूँ हमारे देश को इस समय स्वामी विवेकानंद के अवतार की जरूरत है जो पुनः देश के युवाओं में देशभक्ति की भावनाओं को फिर से जाग्रत कर सके यह मेरा पहला लेख है और पहले ही लेख में मैंने देश के युवाओं पर ध्यान केंद्रित किया है, आप लोग सोच रहे होंगे कि लेखक युवा है, इसलिए युवाओं की बात कर रहा है, लेकिन ऐसा नही है हाँ मैं एक युवा हूँ परंतु यह लेख युवाओं के बारे में इसलिए लिखा है कि आप सभी जानते ही होंगे कि हमारा देश विश्व मे सबसे अधिक युवाओं वाला देश है सोचिए कि पूरे विश्व मे जिसके पास इतनी बड़ी युवा शक्ति है तो वो देश अभी तक विकासशील देशों की सूची में क्यों है आखिर यह विकसित क्यों नही हो पा रहा तो इसका कारण यह है कि हमारे देश का युवा अपने देश को लेकर चिंतित नही है खैर आगे इस मुद्दे पर बात होती रहेगी अभी आप लोगों से विदा चाहता हूं, आप लोगों के प्यार और सपोर्ट की जरूरत है, तभी कुछ बदलाव होगा 🙏🏻
जय हिंद
जय भारत
जय श्री राम
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